मौसमी बीमारियां कारण और उनसे बचने के उपाय।

मौसम के प्रति अनदेखा करने पर हम बीमार पड़ सकते हैं। तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण इस मौसम में कई प्रकार के जीवाणु हमारे आसपास पनपते जाते हैं जिससे यह बहुत ही सूक्ष्म होते हैं जो दिखाई नहीं देते हैं और यह हमारे मुंह और नाक द्वारा शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और हमें कई प्रकार की बीमारियों से ग्रसित कर देते। सर्दी,जुखाम,खांसी,वायरल बुखार जैसी बीमारियों हो जाती हैं हमारे आसपास गड्ढों में भरा पानी मच्छरों को पैदा होने में सहायता करता है मच्छर से होने वाली बीमारियां डेंगू चिकनगुनिया से हम बीमार हो जाते है। यहां आपको विख्यात डाक्टर रामकेश गुर्जर (सीएमएचओ चित्तौड़गढ़ ) द्वारा इस मौसम में होने वाली बीमारियां और बचाव के बारे में स्टेप बाय स्टेप बताया गया है।
सबसे पहले हम सभी वायरस के बारे में बताते हैं।
इस मौसम में तापमान में काफी उतार-चढ़ाव होते हैं जिसके कारण मौसम में नमी हो जाती है और कई प्रकार के जीवाणु और हमारे आसपास पर लग जाते हैं जोकि हमारे नागमणि और आपको द्वारा शरीर में प्रवेश कर जाते हैं जिससे हमें सर्दी जुकाम खांसी तथा वायरल जैसी बीमारियां हो जाती है।

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टाइफाइड और पीलिया कारण।
वर्षा के मौसम में बैक्टीरिया पनपने लग जाते हैं जो कि हमारे खाद्य पदार्थों को आसानी से दूषित कर देते हैं जिससे हमें टाइफाइड और पीलिया जैसी बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है पेट में मरोड़ वह दर्द के साथ-साथ उल्टी दस्त और बुखार की शिकायत हो जाती है।
त्वचा संबंधित रोग।
शरीर की इम्यूनिटी कमजोर होने और मौसम में नमी के कारण दाद खाज खुजली फोड़े फुंसी जैसी बीमारियां होना इस मौसम में आम बात है अधिकतर त्वचा रोग फंगल इंफेक्शन के कारण होते हैं।
मच्छर से होने वाली बीमारियां।
बारिश के मौसम में हमारे आसपास के गड्ढों में पानी भर जाता है और इसमें मच्छरों का प्रजनन होना शुरू हो जाता है जिससे हमें कई प्रकार की बीमारियां होने लगती है इसमें डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां शामिल है।
नेत्र रोग।
वर्षा ऋतु में आंखों का संक्रमण होना एक आम बात है जिसमें आंखों में खुजली लालिमा पलके जब काने पर दर्द होना आंखों में सूखापन की शिकायत इस तरह की बीमारियां इस मौसम में होती है।
शरीर में पानी की कमी होने के कारण होने वाले रोग।
इस मौसम में बार-बार में उमस और गर्मी के होने से शरीर का पानी पसीने के रूप में बाहर निकल जाता है जिससे कि शरीर में पानी की कमी हो जाती है इससे पेशाब में संक्रमण होना आम बात है बीमार व्यक्ति के पेशाब में जलन बार बार पेशाब आना इसके साथ-साथ बुखार होना शामिल है।
वर्षा ऋतु में होने वाली बीमारी से बचने के लिए क्या क्या सावधानियां बरतें?
1 सर्दी जुकाम काशी वायरल वाले मरीजों से संपर्क में आने से बचें।
2. इस मौसम में बार-बार पानी पीते रहे।
3.अगर आप गीले हो जाते हैं तो तुरंत कपड़े बदले।
4.सोते समय शरीर को अच्छे से डरकर सोए।
5.मकान के खिड़की गेट आदि पर जाली लगवाएं।
6.घर की छतों पर वह आसपास पानी को इकट्ठा हो ना होने दें।
7.मच्छरदानी यह मच्छर रोधी क्रीम का उपयोग सोते समय करें।
8.सब्जियों और फलों को अच्छे से धो कर खाएं।
9.खाद्य पदार्थों को ढक कर रखें।
10.खाने से पहले अच्छे से हाथ धोएं
11.स्ट्रीट फूड बासी खाने से बचें।
12.ताजा और संतुलित पोस्टिक आहार ले।
13.स्वच्छ और उबला हुआ पानी उपयोग में लें।
यहां आपको वर्षा ऋतु में होने वाली बीमारी है मौसमी बीमारियों के बारे में विस्तार से बताया गया है और उनसे बचाव करने के उपाय के बारे में यहां समझाया गया है।

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